Saturday, August 8, 2020

श्री.अभिजीत राउत, IAS (जिला कलेक्टर,जलगांव)एक संवेदनशील व्यक्तिमत्त्व

श्री.अभिजीत राउत, IAS (जिला कलेक्टर,जलगांव)
एक संवेदनशील व्यक्तिमत्त्व

आज सामान्य चिकित्सकों के एक समूह ने जलगाँव के कलेक्टर श्री अभिजात राऊत सर के साथ मिटिंग की, जो की IITian से IAS बने.

शुरू में वह हर डॉक्टर की जमीनी स्तर की वास्तविकताओं, चुनौतियों और मरीजों के साथ व्यवहार और कॉविड से निपटने में कठिनाइयों के बारे में सुन रहे थे.

@डॉ. रवि कन्हैयालाल हिरानी

उन्होंने स्वीकार किया कि शुरुआती दिनों में हर स्तर पर चुनौतियां थीं क्योंकि कोविड सभी के लिए नया था.
लेकिन अब चीजें बदल रही हैं और हर स्तरपर(टेस्टिंग, कोरेटाईन, ट्रीटमेंट) अच्छे तरिके से कॉविड से निपटा जा रहा हैं और सभी सुविधांयो में सुत्राता लाई जा रही है.

हम सभी को एक समुदाय के रूप में हर स्तर पर कोविड को समझने की जरूरत है. हम सब को SMS (Sanitizer,Maske,Social Distancing)का पालन करना ही होगा.
वह जल्दी ट्रेसिंग, डिटेक्शन और ट्रीटमेंट पर जोर दे रहे थे.
उनक कहेना हैं की यहांपर एक निजी परिवार चिकित्सक का रोल काफी महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि रोगी सबसे पहले स्थानिक डॉक्टर के पास पहुंचता है और यह जानकारी बहुत बडी भूमिका निभा सकता है।

उन्होंने स्वीकार किया की देरी के चरण में कॉविड के ठीक होने की संभावना बहुत अनुकूल नहीं होती है. 
इसलिए जिले के प्रत्येक नागरिक से स्वेच्छा से आगे आने की अपील की यदि आपको कॉविड जैसे लक्षण (बुखार,बदनदर्द,खांसी ई.)
हैं, तो तुरंत से अपने स्थानीय डॉक्टर या प्रशासन से संपर्क करे वो सब लोग निश्चित रूप से ध्यान रखेंगे।

रोगी के बारे में संवेदनशीलता के साथ-साथ हम सभी को जिला कलेक्टर के रूप में कॉविड के प्रबंधन में सही निर्णय लेने की उनकी दृढ़ता का एहसास भी हो रहा था.

हम सभी डॉक्टरोंने कोविड के प्रति आपके समग्र दृष्टिकोण (Wholistic Approach) से बहुत अपने आपको काफी संतुष्ट महसूस किया और हम सब जलगांव जिले के लिए सकारात्मक उम्मीद कर सकते हैं।

सर,आपकी निरंतर प्रेरणा के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद.

जय हो🇮🇳

Wednesday, August 5, 2020

कोविड पेशंट की यात्रा ...एक वास्तविक अनुभव

कोविड पेशंट की यात्रा ...
एक वास्तविक अनुभव
एक डॉक्टर होने के नाते मैं कई कोविड पेशंट्स के इलाज के लिए भाग्यशाली हूं।
अपने अनुभव से मैं आपको पेशंट के लक्षणों की एक यात्रा साझा करूंगा।
@डॉ.रवि कन्हैयालाल हिरानी

पहिला दिन
शरीर दर्द
और हल्का बुखार
इसलिए वह केमिस्ट के पास जाता है और स्थानीय दवा माँगता है। पेशंट को थोडा आराम उस दिन तक मेहसुस होता है।

दुसरा-तिसरा दिन
शारीरिक पीडा और बुखार जारी रहता है।
इसलिए उन्होंने फैमिली फिजिशियन डॉक्टर को दिखाते हैं. डॉक्टर उन्हे लक्षणनुसार एंटीबायोटिक्स, एंटीपायरेटिक्स और मल्टीविटामिन्स की गोली दवाई यां2-3 दिनों के लिए देते हैं और उसके बाद फॉलोअप्स को वापस आने बोलते हैं।

पंचवा-छटा दिन
बुखार थोड़ा कम हो जाता है
पर अब पेशंट में कमजोरी, सुस्ती का बड जाती है, जिसके लिए वह फिर से फैमिली फिजिशियन डॉ के पास आता है और अब फैमिली फिजिशियन कोविड -19   के लिए कुछ बुनियादी जांच और एक्स-रे चेस्ट का सुझाव देते हैं।
अब रोगी और रिश्तेदारों को लगता है कि परामर्श Consultant MD Physician के पास जाएँ तो बेहतर रहेगा ।

सातवा-आठवा दिन
पेशंट को कमजोरी के साथ-साथ खांसी और कभी-कभी बुखार के भी एपिसोड शूरु रेहते हैं।
वह कंसल्टेंट फिजिशियन से मिलने जाता है। वह उन्हे भी वही जांच (रक्त और एक्स-रे चेस्ट) की सलाह भी देते हैं जो एक परिवार चिकित्सक पहले से ही सुझा चुका रेहता है।
अब कुछ परिवर्तन हो सकते हैं जो कोविड -19 के संकेत करते हैं।
अब वह उन्हें कोविड -19 स्वाब टेस्ट (एंटीजन / आरटी-पीसीआर) के लिए जाने का सुझाव देता है।
अब मरीज और परिजन भय की स्थिति में हैं, आगे क्या करना है?

नववा दिन
पेशंट  दूसरे मत (सेकंड ओपिनियन) के लिए और एक दूसरे चिकित्सक को परामर्श करता है लेकिन राय एक ही रहती है।
तो अंत में पेशंट कोविड स्वाब परीक्षण के लिए जाएं करवाता हैं।
इस बीच कुछ रोगियों में सांस फूलने लगती है और विकनेस और जादा लगने लगती है, कभी कभी तो oxygen भी कमी मेहसुस होती है।
(विशेषतः ५०-५५वर्ष से अधिक आयुवाले लोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोगियों आदि के सह-रुग्णता वाले के पेशंट्स को)।

दसवा दिन 
RT PCR कोविड परीक्षण आमतौर पर पॉजिटिव आता है और घबराहट की स्थिति शुरू हो जाती है क्योंकि रोगी अपने रिश्तेदार के साथ अधिक भयभीत महसूस करता है, जिससे उसकी स्थिति बिगड़ जाती है।
अब मरीज को डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर/हेल्थ सेंटर/हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जिसे मॉडरेट-सीवियर कोविड -19 केस के रूप में लेबल किया गया।

अब इस पेशंट को कोविड के लेट डायग्नोसिस के इस चरण में, पेशंट की रिकवरी थोडी संदेहजनक हो सकती है क्योंकि चिकित्सा विज्ञान की भी सीमाएं है और उसेभी समझने की आवश्यकता है।
मृत्यु जीवन का एक शाश्वत हिस्सा है, हालांकि यह दर्दनाक है।
हम सभी डॉक्टरस का अनुभव केह रहा है कि अगर कोविड का diagnosis शुरुआती दिनों (दिन 3,4,5) में हो तो आपकी रिकव्हरी के चान्सेस काफी फेव्हरेबल रेहते हैं, जो की अकसर 8-10 दिनों में हो जाती हैं।

इसलिए अगर आपको 3-4 दिनों से बुखार, खांसी, कमजोरी, सांस लेने में तकलीफ आदि हो रही है, तो सबसे पहिले अपने नजदिकी डॉक्टर को परामर्श दें और Xray-Chest के साथ H/ESR, CRP, LDH जैसे बुनियादी रक्त जांच करें और कॉविड-19 स्वाब टेस्ट भी करें।
आप भयभीत मत होईए, डरे नहीं.

डॉक्टरस और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी कोविड प्रबंधन के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं।
उनका समर्थन करते हैं। उन्हे पुरा सहयोग दे।

धन्यवाद।
जय हो🇮🇳

Sunday, July 26, 2020

कोरोना (कॉविड-19)टेस्टिंग :कुछ गलतफहमीयां

कोरोना (कॉविड-19)टेस्टिंग :कुछ गलतफहमीयां

अभी हम सुनते हैं, एक लॅब में कोरोना (कॉविड-19) टेस्ट पोसिटिव्ह आया और दूसरे में निगेटीव्ह..!

कोरोना टेस्ट निगेटिव होने के बावजूद डॉक्टर कह रहे हैं कि मरीज को कोरोना हो सकता है ..!

इस भ्रम का कारण क्या है ??
उसके लिए, निम्नलिखित बातों को समझें।

ये टेस्टिंग मुख्य रूप से कोरोना के लिए किए जाते हैं।

1. आरटी पीसीआर स्वाब
2. TruNat / CB NAAT स्वाब
3. अँटिजेन टेस्ट
4. एंटीबॉडी टेस्ट (आईजी एम और आईजी जी)

@डॉ. रवि कन्हैयालाल हिरानी

पहले तीन टेस्टस वर्तमान में एक कोरोना वाले व्यक्ति में पोसिटीव्ह हैं। आईजी एम एंटीबॉडी परीक्षण एंटीबॉडी टेस्ट वर्तमान में बीमार और ठीक होने वालों के लिए पोसिटीव्ह है। आईजी जी एंटीबॉडी परीक्षण उन लोगों में पोसिटीव्ह है जो बरामद हुए हैं।

इन सभी परीक्षणों में कुछ कमियां हैं। इन कोरोना लक्षणों के बावजूद, सभी कोरोना रोगी पोसिटीव्ह नहीं हैं। कोरोना के लक्षणों के बावजूद रोगी का परीक्षण निगेटीव्ह हो सकता है। ऐसा क्यों है टेस्ट के परिणाम कई बातों पर निर्भर करते हैं।

1.समय: 
यदि आप लक्षणों की शुरुआत के 2-3 दिनों के भीतर परीक्षण करते हैं या बहुत देर से जैसे कि 12-14 दिन बाद, टेस्ट कोरोना बीमारी के बावजूद निगटीव्ही हो सकता है।

2.टेस्ट का प्रकार: 
आरटी पीसीआर टेस्ट 10 कोरोना रोगियों में से 7 में पोसिटीव्ह है। केवल 50% कोरोना रोगियों में एंटीजन टेस्ट पॉजिटिव है।

3.स्वैब कहां ले जाएं: 
अगर आप गले के बजाय नाक से एक स्वास लेते हैं, तो स्वैब पॉजिटिव होने की बेहतर संभावना है।

4.तकनीकी समस्या: 
इस तरह के कई छोटे मुद्दे हैं।

यदि स्वैब निगेटीव्ह है तो निदान कैसे किया जाएगा?

1. चेस्ट सीटी स्कैन का निदान कई रोगियों में किया जा सकता है (यहां तक ​​कि लक्षणों के बिना रोगियों में)। लेकिन यह परीक्षण केवल एक डॉक्टर की सलाह पर किया जाना चाहिए।

2. डॉक्टर मरीज के संपूर्ण इतिहास, कोरोना के लक्षणों और शरीर में ऑक्सीजन के स्तर (पल्स ऑक्सीमीटर की मदद से) की जांच करके कोरोना का सटीक निदान कर सकते हैं।

इस तरह से निदान करने से (तब भी जब स्वाब निगेटीव्ह है) कोरोना का इलाज करने की आवश्यकता होती है। 

स्वाब निगेटीव्ह को समझना, डॉक्टर पर भरोसा किए बिना इलाज नहीं करना रोगी के लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसे रोगी से यह बीमारी दूसरों में फैल सकती है। उसके लिए, टीवी और अन्य सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरों से दूर रहें। 
डॉक्टर की सलाह के अनुसार इलाज करें।
यह बीमारी ज्यादातर रोगियों में स्पर्शोन्मुख है, लेकिन बुजुर्गों (५५+), बी.पी. डायबिटीस,दमा, हार्ट वाले व्यक्तियों के लिए खतरनाक हो सकती है।

इसके लिए डॉक्टर पर भरोसा करें और कोरोना की बीमारी को दूर करने में स्थानिक प्रसाशन की पुरी मदद करें।

धन्यवाद🙏
जय हिंद🇮🇳

Tuesday, July 7, 2020

कोरोना पोसिटीव्ह को बोलो Get Well Soon

भाइयों/ दोस्तों / सहयोगियों

सादर अभिवादन । 

कोरोना से यह जंग अभी लंबी है जो दस पंद्रह दिन दुकान बंद करने या समय कम करने से जीती नहीं जा सकती।

अभी तो इसकी वैक्सीन या दवा ही नहीं बनी है और इसकी भी कोई गारंटी नहीं है कि दवा खाने या वैक्सीन लगने के बाद अथवा एक बार संक्रमित हो कर सही हो जाने के बाद पुनः संक्रमण नहीं होगा।

कोरोना से बचने के लिए हमें अपनी जीवनशैली में बदलाव लाना पड़ेगा व कठिन नियमों का पालन करना सीखना होगा।

1. दूसरों से कम से कम 1.5 मीटर की शारीरिक दूरी हमेशा बनाए रखें भले ही वो आपका कस्टमर हो या स्टाफ।

2. अच्छी क्वालिटी का मास्क हर समय लगाए रखें।

3. मास्क को हाथ लगाने से पहले हाथों को सेनेटाइज करें या अच्छी तरह साबुन से धोएं।

4. सोशल गेदरिंग में जाने से बचें।

5. किसी भी चीज़ को खरीदने के बाद पहले उसे धोएं या सेनेटाईजकरें, तब इस्तेमाल करें। खास तौर पर खाने की चीज़ें इस्तेमाल करने से पहले पूरा प्रोटोकॉल फॉलो करें।

6. कुछ मात्रा में पीपीई किट, डिस्पोज़ल ग्लवस, कैप्स, फेस शील्ड, मास्क के साथ साथ पल्स ऑक्सी मीटर, इंफ्रारेड थर्मोमीटर, बीपी मशीन, शुगर मशीन, स्प्रे सेनीटाइजर जैसे कुछ जरूरी सामान अब हर समय घर पर रखें। क्योंकि आने वाले समय में हमें या हमारे मिलने वालों को इन सब की आवश्यकता पड़ सकती है।

7. ध्यान रखें कि जान है तो जहान है। 

8. अगर आपको सर्दी, खांसी या बुखार जैसे लक्षण हो यो तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिले, देर बिलकुल ना करें।

एक और बात, 

कुछ समय से देखा जा रहा है जब भी कोई व्यक्ति या उसके परिवार को कोरेनटाइन किया जाता है या आइसोलेशन के लिए ले जाया जाता है।तब उसके पड़ोसी उसकी वीडियो बनाते हैं,वो खूब वायरल होती है। एक ऐसा माहौल सा बन जाता है मानो उस व्यक्ति या उसके परिवार ने कोई बहुत बड़ा अपराध कर दिया हो।

मेरा सभी लोगों से एक ही निवेदन है कि जब भी कभी आपके आसपास के किसी व्यक्ति या पड़ोसी को क्वारोटाइन या आइसोलेशन के लिए ले जाया जा रहा हो तो उसकी वीडियोग्राफी करके उसे अपराध बोध जैसा अनुभव कराने का प्रयास ना करें। बल्कि अपने घर के दरवाजे, बालकनी या छत से आवाज लगाकर, हाथ उठाकर/हिलाकर उनका उत्साह बढ़ाएं और कहें कि आप जल्द ही ठीक होकर हमारे बीच में फिर से पहले जैसी जिंदगी शुरू करेंगे। उनके जल्द ठीक होकर घर वापसी के लिए शुभकामनाएं दें।

1. उनकी इज़्ज़त करें।

2. उनके लिए प्रार्थना करें।

3. उन्हें अच्छा पड़ोसी व मित्र होने का एहसास कराएं।

4. *Get Well Soon*  कहें
जिससे वह अंदर से मज़बूत होकर सबके साथ फिर से जुड़े।

5. दूरी शारीरिक रखें ना कि सामाजिक।

6. एक दूसरे का मनोबल बढ़ाये।

ऐसा करने से उन्हें अच्छा लगेगा साथ ही आपको भी शांति प्राप्त होगी। क्योंकि इस स्थान पर हम में से कोई भी हो सकता है। बीमारी दवा के साथ साथ मनोबल से भी ठीक होती है। 

ईश्वर से प्रार्थना करें सभी का मंगल हो। सभी स्वस्थ रहें। सबके जीवन में प्रेम और शांति की स्थापना हो।

आपके घर वालो को आप प्रिय भी हैं, जरूरी भी हैं और उनके पालनहार भी। इसलिए अपने ध्यान/सुरक्षा रखने का अहद खुद उठाएं।

अपने स्थानिक प्रशासन को पुरा सहयोग करें और सभी कोरोना योद्धयो का सम्मान करे। 

आप भी पालन करें सभी लोगों को भी भेजें ताकि हम इस समय में अपने आप को सुरक्षित रख सकें ।

धन्यवाद,
जय हिंद🇮🇳
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

कोरोना पोसिटीव्ह रोगी के किये कुछ दिशानिर्देश

कोरोना पोसिटीव्ह रोगी के किये कुछ दिशानिर्देश

अब यदि आपके आस-पास के कोई व्यक्ती /आप खुद ही कोरोना पॉजिटिव पाए जाएं तो इसके बाद क्या किया जाना चाहिये, इसका संक्षिप्त में विवरण...

1.आप डरिये मत ,भयभीत मत ना हो। दुखी नाहो।
अब मेरा क्या होगा की मैं कोरोना पॉजिटिव पाया गया हूं।
शांत रहें।
अपनी इंद्रियों को सचेत रखें।
याद रखें, कोरोना संक्रामक बीमारी में से एक है, न कि कोई जानलेवा बीमारी।

2. अपने लक्षणों को अपने आप स्वयं जाँचें जैसे
बुखार
शरीर दर्द
सर्दी-जुकाम
खांसी
सांस लेने में कठिनाई
आदि
यह आपको बताएगा कि केस के मौसम की गंभीरता आप लक्षणविरहित/ हल्के / मध्यम / गंभीर श्रेणी में हैं।

©️डॉ.रवि कन्हैयालाल हिरानी
(http://drravihirani.blogspot.com/?m=1)

3.अपने लक्षणों की गंभीरता के आधार पर किसी भी निकटतम कोविड केयर केंद्र (CCC)या किसी भी समर्पित कोविड (DCH) अस्पताल में भर्ती हों।

CCC में लक्षणवरीहित-हल्के केस
DCH में मध्यम-सीवियर केस
में भर्ती होते है।

4. Aarogya setu aap डाउनलोड करे और सरकार द्वारा दी गई जानकरी पढें और सभी सुचनायो का पालन करें ।

5.अपने क्षेत्र के स्वास्थ्य अधिकारियों को अपने स्वास्थ्य की स्थिति की जानकरी देवेंऔर कोरोना रिपोर्ट के बारे में सूचित करें।

6.उन लोगों की सूची बनाएं जिन्हें आप पिछले कुछ दिनों में मिले हैं (उच्च जोखिम संपर्क),
इसे संबंधित स्वास्थ्य कार्यकर्ता को भेजें। स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार संगरोध बनने के लिए अपने उच्च जोखिम वाले संपर्कों को बताएं, उन्हे कोरेटाईन होने को बोले और उन्हे भी अपना कोरोना स्वाब टेस्टिंग करने को बोले।

7. कोरोना किसी भी अन्य बीमारी की तरह एक संक्रामक रोग है।
यह एक सामाजिक कलंक नहीं है इसलिए ज्यादा मत सोचो और चिंता मत करो। थिंक पोसिटीव्ह।

8. कम्युनिकेशन के लिए एक मोबाइल और चार्जर साथ में ले लेवें।
अगर आप पढ़ने के शौकीन हैं तो आप किताबें पढ़ने के लिए ले जा सकते हैं।

9. यदी आपको कोई बिमारी है उदा. बीपी/शुगर/हार्ट तो उसकी जानकारी डॉक्टर को देना ना भुले।

10.खुद को और अपने परिवार के सदस्यों को भी सकारात्मक सुझाव दें।
याद रखें कि प्रारंभिक अवस्था में कोरोना 100% ठीक होनी वाली बीमारी में से एक है।

11.सरकारी CCC या DCH में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं, इसलिए चिंता न करें।

12. सभी प्रशासनिक अधिकारियों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मीयों का सम्मान करें।
उनकी समयबद्ध गाइडलाइन्स का पालन करें। याद रहे वे आपके लिए काम कर रहे हैं।

13. किसीभी प्रकार की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 1075 या स्थानीय अधिकारियों द्वारा दिए गए किसी अन्य हेल्पलाईन नंबर पर कॉल करें।

*(एक विनंती है आपसे,यह मेसेज ज्यादा से ज्यादा लोगो तक शेयर कीजये🙏🏼)*

मेरी इस पेहल का यह 6-7 मेसेज है, मकसद ही यही है की समाज में कोरोना के प्रति लोगो को शिक्षित करना, उन्हे कोरोना बिमारी के प्रति अवेयर करना और सबसे जरुरी कोरोना के डर को निकालना।

धन्यवाद।
जय हिंद🇮🇳

Monday, July 6, 2020

कोविड (कोरोना) पोसिटीव्ह केस के साथ बातचित

दोस्तों,

यहां आपको मैं मेरे एक पेशंट के साथ एक लाइव बातचीत का ऑडिओ शेयर कर रहा हूं.
5-6 मिनिट की यह बातचीत जरूर सुनियेगा.
यह पेंशट जो कोविड (कोरोना) पोसिटीव्ह था।
(लक्षणविरहित-माइल्ड श्रेणी में)
उन्हें जलगांव के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज के कॉविड केयर सेंटर (CCC) में भर्ती कराया गया था।

CCC में रहने के दौरान वह लगभग लक्षण विरहित (एसिम्प्टोमैटिक)
थे और उन्हें ज्यादा बीमारी नहीं थी।

वह CCC, जलगाँव में उपलब्ध सेवाओं और सुविधाओं से काफी खुश और सॅटिसफाय था।

©️डॉ.रवि कन्हैयालाल हिरानी

अपनी बातचीत में उन्होंने कोरोना स्वैब परीक्षण द्वारा कोरोना के प्रारंभिक जांच पर जोर दिया और कहा की भयभीत होने की बिलकुल भी आवश्यकता नहीं थी।

तो महत्वपूर्ण पॉईंट्स हैं की
जल्दी पता लगना
+
प्रारंभिक उपचार
=
कोरोना वायरस रोग से 100% इलाज।

यदि आपको 2-3 दिनों से किसी भी तरह का बुखार, बदनदर्द, सर्दी, गले में खराष्, खांसी आदि लक्षण है, तो अपने परिवार के चिकित्सक (फॅमिली डॉक्टर)से परामर्श करें।

अपनी रक्त जांच H/ESR, CPR,LDH,D-Dimer), एक्स-रे चेस्ट (छाती का फोटो) और कोरोना स्वैब टेस्ट भी करें।

इस वैश्विक महामारी में यह हमारा यह राष्ट्रीय कर्तव्य है कि हम स्वेच्छा से आगे आएं और कोरोना के फैलाव को रोके।

पूरे दिल से स्थानीय अधिकारियों का समर्थन करें, वे निश्चित रूप से आपकी मदद करेंगे।

(यह ऑडिओ और यह मेसेज ज्यादा से ज्यादा लोगो तक शेयर कीजये🙏🏼)

मेरी इस पेहल का मकसद ही यही है की समाज में कोरोना के प्रति लोगो को शिक्षित करना, उन्हे कोरोना बिमारी के प्रति अवेयर करना और सबसे जरुरी कोरोना के डर को निकालना।

धन्यवाद।
जय हिंद🇮🇳

क्वारेंटाईन सेंटर का स्वानुभव

जलगांव गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज  क्वारेंटाईन सेंटर का अनुभव

आज सुबह मेरे एक दोस्त को सहज उसेक और उसके परिवार के स्वास्थ्य के लिए फोन किया तो उसने बताया कि वह पिछले 2 दिनों से गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज के क्वारेंटाईन सेंटर
 में है और आज उसकी कोविड की रिपोर्ट नेगेटिव आई है, इसलिए वो लोग छुट्टी दे रहे हैं।

हमारी बातचित के कुछ अंश आप सभी के लिए.
(प्रश्न मैंने पुछे और उत्तर मेरे दोस्त के स्वानुभव है)

©️डॉ.रवि कन्हैयालाल हिरानी

प्रश्न - कोविड टेस्ट देने के लिए आपको किसने और क्यों कहा?
उत्तर- मेरे पड़ोस में एक कोविड पॉजिटिव पाया गया और मैं उसकी उच्च संपर्क सूची (High Risk Contacts)में था। इसलिए मैंने स्वेच्छा से कोविड टेस्ट का नमूना दिया।

प्रश्न- वहां सुविधाएं कैसी हैं?
उत्तर- यहां दी जाने वाली सभी सुविधाएं भोजन, ठहरने की व्यवस्था और हर चीज अछी हैं।

प्रश्न- क्या कोरोना टेस्ट को लेकर आपके मन में कोई डर है?
उत्तर- कुछ घंटों के लिए मुझे ऐसा लगा , लेकिन जैसा कि मुझे पता चला है कि कोरोना टेस्ट के बारे में चिंता करने की बात नहीं है तो निश्चित हो गया क्योंकी कोरोना टेस्टिंग बहुत ही आसन और सरल तरिका है कोरोना से लडने का।

प्रश्न आप जलगांव की जनता को क्या बताएंगे?
उत्तर- डरिए मत। आगे आईए।
अगर आप किसी कोरोना पॉजिटिव मरीज की हाई रिस्क कांटेक्ट लिस्ट में हैं या किसी तरह का बुखार है, तो बदनदर्द ई. है तो आपको कोरोना स्वैब देना चाहीये।
मेरा विश्वास करो कि प्रक्रिया बहुत सरल और आसान है।
क्वारेंटाईन सेंटर की सुविधायें
स्थानीय अधिकारियों के साथ सहयोग करें।
वे सबसे हर अच्छा संभव काम कर रहे हैं ।

प्रश्न- वहां का स्टाफ कैसा है?
उत्तर - सभी कर्मचारी बहुत सहयोगी हैं और मोरली भी अच्छा समर्थन दे रहे हैं।

प्रश्न- अब आप कैसा महसूस कर रहे हैं?
उत्तर- अब मैं आराम और खुशी महसूस कर रहा हूं।

तो दोस्तों, ये था मेरे दोस्त का स्वानुभव ....कोरोना टेस्टिंग या क्वारेंटाईन सेंटर्स से डरिए मत।
इस तरह के सेंटर्स केवल और केवल आपकी सुविधांओ के लिए ही हैं।

स्थानीय अधिकारियों को, प्रसाशन को हर संभव सहयोग दें।

धन्यवाद

जय हिंद🇮🇳

Sunday, July 5, 2020

कोरोना बिमारी को लेकर समाज में इतना भय और दहशत क्यों है?

आज हम ध्यान देंगे कि कोरोना बिमारी को लेकर समाज में इतना भय और दहशत क्यों है?
अधिकांश समाज का वर्ग टेलीविजन देखकर/ समाचार पत्रों में पढ़कर अपनी सोच बनाता है, जो की मजोरीटी समय समर्पित कॉविड हॉस्पिटल के बारे में पडते/सूनते है. जहां पर अधिकांश मध्यम-गंभीर  कोरोना मरीजों के बारे में बातें होती है।
इसलिए वे निष्कर्ष निकालते हैं कि कोरोना खतरनाक और जानलेवा बीमारी है, जो भय और दहशत का कारण बनता है ।

जबकी तथ्य कुछ ऐसा नहीं है.
अधिकांश कोरोना पोसिटीव्ह केसेस लक्षण विरहित/अतिसौम्य/सौम्य के ही होते है, जो कॉविड केयर सेंटर (CCC) में भर्ती होते, जहाँ पर शत प्रतिशत केसेस ठीक होकर आये हैं.
तो चिंता मत किजीए। धीरज रखीये। अपनी सोच को बदलिए तो आपका डर/भय निकलेगा।

अब इसके आगे कोई भी व्यक्ती कोरोना पॉजिटिव पाया जाये तो आपको उसकी गंभीरता के बारे में पूछना चाहिए।
जैसे की वह लक्षण विरहित/
अतिसौम्य/ सौम्य / मध्यम / गंभीर किस श्रेणी में है.

©️डॉ.रवि कन्हैयालाल हिरानी

दूसरी बात यह पूछनी चाहिए कि वो कहां पर भर्ती है?
वो कोविड केयर सेंटर (CCC) में भर्ती है या फिर समर्पित कॉविड हॉस्पिटल (DCH) में भर्ती हैं।

जलगाँव शहर में कोविड केयर सेंटर (CCC) के गवर्नमेंट इंजीनियरिंग हॉस्टल में है जबकी
समर्पित कोविड हॉस्पिटल (DCH) सरकारी मेडिकल कॉलेज, गणपति हॉस्पिटल,गोदावरी हॉस्पिटल और गोल्डसिटी हॉस्पिटल है.
यह जानकरी आप अपने शहर में भी ले लेवें तो अच्छा होगा.

तो अब कोई भी कोरोना पोसिटीव्ह केस के बारे में सूनते ही किसी को घबराने या भयभीत होने की बिलकुल भी जरूरत नहीं है।
उपर दिये गये दोनो सवाल जरूर पुछीयेगा.

अपने दिमाग को आराम दें, शांत रहीये और समझदार बनिये। 

याद रखें कोरोना बिमारी का उपचार संभव है, यह कोई जान लेवा बिमारी नहीं है. यह केवल एक संसर्गयजन्य बिमारी है.

आपका प्रशासन सर्वोत्तम संभव कार्य रहा है, उनका समर्थन जरूर करें।

हम सभी को हमेशा सकारात्मकता की तलाश करनी चाहिए और कोरोना पॉजिटिव रोगी को नैतिक समर्थन देना चाहिए।

मजबूत इच्छा शक्ति एक कोरोना पॉजिटिव केस की शीघ्र रिकवरी में एक महत्त्वापूर्ण अंग है, उसको बढवा जरूर दें.

धन्यवाद।

जय हो🇮🇳

सामूहिक प्रयासो से कोरोना की रोकथाम संभव

सामूहिक प्रयासो से कोरोना की रोकथाम संभव

जलगांव जिल्हे में, कोरोना संक्रमणों की संख्या 4000 तक पहुंच गई है। 
भीड़ के स्थानों में यह वायरस जलदी संक्रमित होता है। संक्रमित रोगियों की संख्या हर दिन लगभग 100/150 तक पहुंच रही है। 
यह निश्चित रूप से डरावना है।
लेकिन तथ्य यह है कि प्रारंभिक रूप में कोरोना रोगी शत-प्रतिशत ठीक हो जाता है और जलगांव में 1800 से अधिक रोगी ठीक हो चुके हैं.

जैसे ही आप जानते है की कोरोना संक्रमण के प्रारंभिक लक्षणों (बुखार, सर्दी, बदनदर्द ई.) को नोटिस करते ही आपको संबंधित सरकारी स्वास्थ्य प्रणाली द्वारा अपनी नाक और गले के नमूनों की जांच करवानी चाहिए। कोरोना से बचने का यह सबसे अच्छा और सरल तरीका है।

©️ डॉ. रवि कन्हैयालाल हिरानी

यह भी एक तथ्य है कि जलगांव जिल्हे में रोगियों की बढ़ती संख्या सभी आम लोगों के मन में कोरोना के बारे में निराधार आशंका/डर पैदा कर रहा है।

अकेले एक प्रसाशन के प्रयास  कोरोना को रोकना के लिए पर्याप्त नहीं हैं। 
कोरोना को रोकने के लिए समुदाय द्वारा सामूहिक प्रयासों की अपेक्षा भी है। 

गांवों, शहरों को कोरोना रोकने के लिए सामाजिक एकजुटता होनी चाहिए।
प्रतिबंध स्वेच्छा से लगाए जाने चाहिए। 
इस तरह के प्रतिबंधित प्रयासों को  केवल एक/दो माध्यम से प्राप्त नहीं किया जा सकते.

तो ये कैसे संभव है?

बेशक यह संभव है.
कई जगहों पर सतर्क, सक्रिय और दृढ़ नागरिक एक साथ आए हैं और कोरोना को रोक दिया है। रोगियों की संख्या को नियंत्रित किया है. कोरोना से डरे नहीं ब्लकी उसके साथ जीना सिखे.
उसका डट कर मुकाबला करे.

इसमें सबसे प्रमुख है बुखार, सर्दी, खांसी ई. के रोगीयो को खोजना। 
उनके ऑक्सीजन के स्तर/बुखार की जाँच करना। 
बुखार और ऑक्सीजन की कमी वाले लोगों को अलग करें। 
कोरोना जैसे लक्षणों वाले रोगियों के हिस्से हॉट स्पॉट में सभी घरो का चेकअप हो। 
ऐसे क्षेत्रो में युवाओं की पहल से हर घर का सर्वेक्षण होना चाहीये । इसके लिए एक इन्फ्रारेड थर्मामीटर और एक पल्स ऑक्सिमीटर की आवश्यकता होगी। 
जनभागीदारी के माध्यम से यह संभव है।

समाज के युवाओं को इसका उपयोग करने का तरीका सिखाया जाना चाहीये। 
कोरोना संदिग्ध रोगी क्षेत्र में सर्वेक्षण शुरू करना चाहीये। 
रोग के लक्षणों के साथ अलग सेट करें। 
समाज के सभी लोगो ने अपने निवास क्षेत्र में प्रतिबिंब के लिए अपील करनी चाहीये। 
इस प्रकार कोरोना जैसे रोगी दिखाई देने लगेगे और कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को कन्ट्रोल किया जा सकता है.
आज जरूरत है सामुहिक प्रयासो की.
स्थानिक प्रसाशन को पुरा सहयोग करे.

धन्यवाद

जय हो🇮🇳

Saturday, July 4, 2020

कॉविड-१९ के बारे में जानकरी

आइए समझते हैं कोविड -19 (कोरोना वायरस) की बीमरी के बारे में

कोरोना पोसिटिव्ह रोगियों को अकसर चार प्रकार में वर्गीकरण किया जाता है
1. लक्षण विरहित  (Asymptomatic)
2. हल्के लक्षण (Mild)
3.मध्यम लक्षण (Moderate)
4. गंभीर लक्षण (Severe)

1. लक्षण विरहित  (Asymptomatic)
ये मरीज पोसिटीव्ह होते हैं लेकिन इनमें कोई लक्षण नहीं होते हैं।
आमतौर पर वे एक कोरोना पॉजिटिव रोगियों के उच्च जोखिम वाले संपर्क होते हैं।
कोरोना सकारात्मक रोगियों के अधिकांश लक्षण विहरित होते हैं.
कोविड केयर सेंटर (CCC) में 10 दिनों के लिए संस्थागत अलगाव (कोरेनटाईन) और 7 दिनों के लिए गृह अलगाव इनके लिए होता है.
सभी रक्त जांच और  एक्स-रे चेस्ट सामान्य ही होते है।
आमतौर पर उन्हें किसी भी प्रकार के सक्रिय उपचार की आवश्यकता नहीं होती है।

2. हल्के लक्षण रोगी (Mild)

इन रोगियों में आमतौर पर 1-2 दिनों के लिए बॉडीपेन, बुखार, गले में खराश / स्वाद की हानि का इतिहास होता है।
सभी रक्त जांच और  एक्स-रे चेस्ट सामान्य होते है।
आमतौर पर वे उपचार की पहली लाईन ऑफ treatement को अच्छा रिस्पॉन्स देते हैं। 
संवैधानिक अलगाव (कोरेटाईन) कोविड केयर सेंटर (CCC) में 10 दिनों के लिए और 7 दिनों के लिए गृह कोरेटाईन आवश्यक है।
प्रतिकर शक्ती को बढ़ावा देने के लिए विटामिनस दिये जाते हैं।
इन तरह के कोविड रोगियों में रिकवरी हमेशा अनुकूल होती है।

3. मध्यम और गंभीर लक्षण रोगी
(Moderate & Severe)
इन रोगियों में आमतौर पर बॉडीपेन, बुखार, गले में खराश, खांसी या सांस की तकलीफ का इतिहास होता है।
इन रोगियों को डेडीकेडेड कोविड हॉस्पिटल में भर्ती कराया जाता है और सक्रिय treatement की आवश्यकता होती है।

©️डॉ.रवि कन्हैयालाल हिरानी

अब ध्यान दे....
जब कोई भी व्यक्ति Coivd Test में positive हो जाता है तो सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की डरने / घबराने की बिलकुल भी जरूरत नहीं है। अब क्या होगा कैसा होगा. बिलकुल भी नहीं घाबरये. शांती से सोंचे.

ऊसे इस बात का आकलन करना चाहीये कि उसके पास किस तरह के लक्षण हैं।
लक्षण विरहित  (Asymptomatic)/ हल्के लक्षण (Mild)/मध्यम लक्षण (Moderate)/ गंभीर लक्षण (Severe)

याद रखे,रोगियों में अधिकांश (80%)
लक्षण विरहित  (Asymptomatic) 
या हल्के लक्षण (Mild) मामले होते है, जो पुरी तरह ठीक हो रहे हैं.
आप खुद ही समझदारी से निर्णय ले की आपको कॉविड केयर सेंटर (CCC) या डेडीकॅटेड हॉस्पिटल(DCH) की जरूरत है.अपने सेन्सेस कंट्रोल में रखे.

मानसिक इच्छा शक्ति कोरोना रोगी की रिकव्हरी में एक प्रमुख भूमिका निभाती है।
याद रखें कि भारत में कोरोना का इलाज काफी अच्छे तरिके से हो रहा है, इसलिए नकारात्मक सोचने की आवश्यकता नहीं है।

स्थानीय प्रसाशन निश्चित रूप से आपकी मदद करेगा उन्हें पुरी तरह सहयोग करे.

प्रारंभिक (जलदी)निदान कोविड की रिकव्हरी में बहुत महत्वपूर्ण रोल अदा हो रहा है तो यदि आपमें/आपके नजदिक किसी  के पास कुछ लक्षण हैं तो अपने नजदीकी फिजिशियन या स्थानिक प्रसशान से संपर्क करें. उन्हें मत छिपाये. 
कोरोना से लढना सिखिये.


धन्यवाद.
जय हिंद🇮🇳👍🏽

कोरोना से लढना सिखे

कॉविड-19 वायरस (कोरोना वायरस) अलग-अलग लोगों को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करता है।

सबसे आम लक्षण:
बुखार
सूखी खाँसी
थकान

कम सामान्य लक्षण:
दर्द एवं पीड़ा
गले में खराश
दस्त
आँख आना
सरदर्द
स्वाद या गंध का नुकसान
त्वचा पर एक दाने, या उंगलियों या पैर की उंगलियों को काटना

गंभीर लक्षण:
सांस लेने में कठिनाई या सांस की तकलीफ
सीने में दर्द या दबाव
 
हमेशा अपने डॉक्टर के पास जाने से पहले फोन अवश्य करें और उनकी सुचनायो का पालन कडाई से करे।

©️डॉ. रवि कन्हैयालाल हिरानी

यदि आपके पास हल्के लक्षण लोग/ गंभीर लक्षण वाले लोग तो तत्काल चिकित्सा (ट्रीटमेंट) की तलाश करें।
 
औसतन 5-6 दिन लगते हैं जब किसी को लक्षण दिखाने के लिए वायरस से संक्रमित होता है, हालांकि इसमें 14 दिन तक लग सकते हैं।

ऐसी कई चीजें हैं जो आप कर सकते हैं - 
अपनी चिंता (टेन्शन)और आशंकाओं को प्रबंधित करने के लिए सूचित रहें.
ज्यादा समाचारों का अवलोकन न करें। 
विशेष रूप से आपके समाज में क्या हो रहा है, इसके बारे में सूचित रहना महत्वपूर्ण है, इसलिए आप को दी गई सुरक्षा सावधानियों का पालन अवश्य करे.

बिलकुल डरे नहीं,स्थानिक प्रशासन को पुरा सहयोग करे.

कोरोना बिमारी में जलदी ट्रीटमेंट से लोग पुरी तरह स्वस्थ हो रहे है.
Early Tressing
+
Early Detection
+
Early Treatment is very very important in Covid-19

कोरोना के साथ जीने के लिए सबसे जरुरी SMS का इस्तेमाल करते रहे.
S- Sanitiser
M- Mask
S- Social Distancing

आयो, सब मिलकर कोरोना से लढे.
जय हो🇮🇳👍🏽

Friday, May 15, 2020

तज्ञ होमिओपॅथच्या सल्ल्याने उपचार करा

सर्वांना नमस्कार,
आजकाल कॉविड-१९ चा काळात होमिओपॅथीच्या भूमिकेविषयी मला बर्‍याच शंकास्पद प्रश्न मिळत आहेत.
आपल्या सर्वांसह सामायिक करण्याचा विचार केला.
हे एक लांब पोस्ट आहे परंतु, काळजीपूर्वक वाचा आणि समजून घ्या.
होमिओपॅथीमध्ये आपण सामान्यत: वैयक्तिकरणावर काम करतो, म्हणजे प्रत्येक रूग्णच्या त्याच्या संपूर्ण लक्षणांवर अवलंबून भिन्न उपाय. (उदा. त्याच दम्याच्या समस्येसाठी आम्ही त्यांच्या लक्षणांनुसार भिन्न रूग्णाला भिन्न उपाय देऊ शकतो). आणि या आधारावर निवडलेला उपाय उत्तेजित करतो आणि आत्मरक्षा यंत्रणा वाढवितो आणि तेथे रोगाचा बरे होतो.
परंतु साथीच्या आणि साथीच्या आजारात
आपल्याकडे  "जीनस एपिडेमिकस" नावाचे काहीतरी आहे जे भौगोलिक, वातावरणीय इत्यादी घटकांवर देखील अवलंबून असते. (साथीचा रोग) सर्वत्र (साथीचा रोग) सर्वत्र (साथीचा रोग) साथीच्या बाबतीत, एकापेक्षा जास्त असू शकतात, 3,4 किंवा अधिक म्हणा (ए, बी, सी, डी) म्हणजे आपण 3-4- ((ए, बी, सी, डी) लक्षणे गट मिळवू शकतो, प्रत्येक गट विशिष्ट उपाय आणि अद्याप काही घटनांमध्ये ही लक्षणे दिसू शकत नाहीत. हे औषध उपचारांच्या बाहेर पडणार्‍या या प्रकरणांमध्ये त्यांच्या वैयक्तिक उपचारांची आवश्यकता असेल.
ज्या क्षणी एखाद्या व्यक्तीने उपचार ए चे लक्षण किंवा लक्षणे विकसित केली त्या क्षणी, जर त्यास इतर लक्षणांचा विकास होण्यापूर्वी दिला गेला तर तो उपाय त्या अवस्थेत रोगाचा नाश करेल आणि त्याद्वारे अशा तीव्र आजाराचा उपचार होईल. या प्रकारच्या औषधास होमिओप्रोफिलॅक्सिस (प्रतिबंधक) म्हणतात. या जीनस एपिडेमिकस जाणून घेण्यासाठी एखाद्याचा अभ्यास करणे आवश्यक आहे, शेकडो प्रकरणांचा उपचार करा.

होमिओप्रोफिलॅक्सिस (प्रतिबंधक) साठी आर्सेनियम अल्ब, कपूर, झिंकम मुर, सेपिया- व्हेरट्रम इत्यादी उपाय काही होमियोपॅथ्सनी सुचवले आहेत. पण कोविड १९ रूग्णांकडून कुठल्याही व्यक्तीने थेट लक्षणे उपचार केली नाहीत किंवा गोळा केली नाहीत.
उपाय शोधण्यात आणखी एक अडचण म्हणजे, जवळजवळ प्रत्येक रुग्ण प्रतिजैविक प्रतिक्रियेसाठी प्रतिक्रीया देण्याकरिता क्षणाक्षणाला काही न देता एंटीपायरेटिक्स, प्रतिजैविक औषध घेतो, खोकला दुखणे, खोकला इत्यादी घेतो आणि ज्यामुळे ती वैयक्तिकृत होऊ शकते. मग त्यावर कोणते उपाय लिहिले जाऊ शकतात याची लक्षणे मिळणे अधिक कठीण होते. हा आमचा वैयक्तिक अनुभव आहे.
 अजूनही कोविडमधील होमिओपॅथीच्या कार्यक्षमतेबद्दल कॉविड पॉझिटिव्ह हॉस्पिटलमध्ये काही क्लिनिकल चाचण्या सुरू आहेत.
आमच्याकडे लवकरच याबाबत सविस्तर अहवाल असेल.
तथापि, यावेळेस एक विस्तृत प्रकरण घेतल्यानंतर लिहिलेली घटनात्मक होमोएपॅथिक औषध हे आपल्या विज्ञानातील सर्वोत्तम प्रतिबंध आहे.
आपल्याकडे काही शंका असल्यास आपल्या होमिओपॅथिक डॉक्टरांशी संपर्क साधा.

धन्यवाद.