आज हम ध्यान देंगे कि कोरोना बिमारी को लेकर समाज में इतना भय और दहशत क्यों है?
अधिकांश समाज का वर्ग टेलीविजन देखकर/ समाचार पत्रों में पढ़कर अपनी सोच बनाता है, जो की मजोरीटी समय समर्पित कॉविड हॉस्पिटल के बारे में पडते/सूनते है. जहां पर अधिकांश मध्यम-गंभीर कोरोना मरीजों के बारे में बातें होती है।
इसलिए वे निष्कर्ष निकालते हैं कि कोरोना खतरनाक और जानलेवा बीमारी है, जो भय और दहशत का कारण बनता है ।
जबकी तथ्य कुछ ऐसा नहीं है.
अधिकांश कोरोना पोसिटीव्ह केसेस लक्षण विरहित/अतिसौम्य/सौम्य के ही होते है, जो कॉविड केयर सेंटर (CCC) में भर्ती होते, जहाँ पर शत प्रतिशत केसेस ठीक होकर आये हैं.
अब इसके आगे कोई भी व्यक्ती कोरोना पॉजिटिव पाया जाये तो आपको उसकी गंभीरता के बारे में पूछना चाहिए।
जैसे की वह लक्षण विरहित/
अतिसौम्य/ सौम्य / मध्यम / गंभीर किस श्रेणी में है.
©️डॉ.रवि कन्हैयालाल हिरानी
दूसरी बात यह पूछनी चाहिए कि वो कहां पर भर्ती है?
वो कोविड केयर सेंटर (CCC) में भर्ती है या फिर समर्पित कॉविड हॉस्पिटल (DCH) में भर्ती हैं।
जलगाँव शहर में कोविड केयर सेंटर (CCC) के गवर्नमेंट इंजीनियरिंग हॉस्टल में है जबकी
समर्पित कोविड हॉस्पिटल (DCH) सरकारी मेडिकल कॉलेज, गणपति हॉस्पिटल,गोदावरी हॉस्पिटल और गोल्डसिटी हॉस्पिटल है.
यह जानकरी आप अपने शहर में भी ले लेवें तो अच्छा होगा.
तो अब कोई भी कोरोना पोसिटीव्ह केस के बारे में सूनते ही किसी को घबराने या भयभीत होने की बिलकुल भी जरूरत नहीं है।
उपर दिये गये दोनो सवाल जरूर पुछीयेगा.
अपने दिमाग को आराम दें, शांत रहीये और समझदार बनिये।
याद रखें कोरोना बिमारी का उपचार संभव है, यह कोई जान लेवा बिमारी नहीं है. यह केवल एक संसर्गयजन्य बिमारी है.
आपका प्रशासन सर्वोत्तम संभव कार्य रहा है, उनका समर्थन जरूर करें।
हम सभी को हमेशा सकारात्मकता की तलाश करनी चाहिए और कोरोना पॉजिटिव रोगी को नैतिक समर्थन देना चाहिए।
मजबूत इच्छा शक्ति एक कोरोना पॉजिटिव केस की शीघ्र रिकवरी में एक महत्त्वापूर्ण अंग है, उसको बढवा जरूर दें.
धन्यवाद।
जय हो🇮🇳
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